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आज के समय में भारत में इतने धनानद बढ गए हैं जिन्हें सीमित करने के लिए जरूरत है चाणक्य जैसे राजनेता बने /
अपने देश में धनानद कई तरह के हैं भ्रष्ट राजनेता , कालाबाजारी वाले व्यापारी , ढोंगी साधू , भ्रष्ट अधिकारी व सबसे बड़े देश के दुश्मन कथित मजहबी धर्मनिर्पेक्ष ( सेकुलरिस्ट ) /
आज देश में २० प्रतिशत लोगों के पास अपार धन सम्पति है , ८० प्रतिशत लोग इन्ही २० % पर आश्रित हैं या किसी न किसी रूप से जुड़े हुए हैं या इन्ही के नीचे काम कर रहे हैं वह चाहें छोटा कार्यकर्ता हो , छोटा व्यापारी , रेहड़ी वाला , प्राइवेट कर्मचारी या मजदूर किसी न किसी रूप में उपरोक्त धनानंद से जुड़े हुए हैं या आश्रित हैं /
८० % में ३० प्रतिशत ऐसे लोग हैं जो सिर्फ जुगाड़ से काम चलाते हैं किसी से पैसे मांगों यार जुगाड़ करता हूँ , लड़की की शादी करनी है जुगाड़ करता हूँ , कहीं जाना है किराये के पैसे का जुगाड़ , बच्चों की फीस का जुगाड़ , खेत में पानी का जुगाड़ और सबसे बड़ी बात कल के काम का जुगाड़ , सब कुछ जुगाड़ पर निर्भर / दिनभर लेन में लगा रहेगा समय भी बर्बाद करेगा वो भी तीन लीटर घास लेट की जगह दूकानदार ढाई लीटर ही नापेगा /
इन 5० प्रतिशत के माँ-बाप कहते बेटे पढ़ ले तुझे नौकरी करनी है , जबकि २० % के धारवाले कहते हैं बेटे चिंता मत करना तुन्हें इन ८० प्रतिशत से काम लेना है और इन पर राज करना है /
सरकारी नौकरी करने वालों बात नहीं की है ,वो इन सभी में हैं लेकिन या तो पूरा खानदान सरकारी नौकरी में है या पीड़ी दर पीड़ी करते चले आ रहे हैं/
इस अमीरी गरीबी की खाई लगातार बढती जा रही है जो एक दिन विधटन का कारण बन सकती है, भारत की जनता अपनी ही उलझनों में उलझी रहेगी ऊपर के लोग पैसे की मद में डूबे रहेंगे , देश के बारे में कौन सोचेगा, राष्ट्र भक्त की भावना कहाँ से आयेगी ,किसी और मुल्क से किसी प्रकार की सहायता आनी नहीं है क्यूंकि पृथ्वी पर भारत ही एक अकेला देश है जो अकेला है और धनानद व जयचंदों से भरा हुआ है /
आगे के भाग देश दुश्मनों ने भारत को कैसे लूटा ……………आपके सुझाव की प्रतीक्षा ..
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