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पहले जो लोग प्रदेश के बंटवारे की बात करते थे , आज वो सपा और कांग्रेस में आकर कहते हैं बंटवारे से नुकशान होगा प्रदेश तरक्की नहीं कर पायेगा । क्या अभी तरक्की कर रहा है और क्या पिछले ५० ( कांग्रेस ) सालों में क्या किया ।
नए मुद्दे न मिलने पर उपरोक्त पार्टी के लोग कहते है झारखण्ड , छात्तिश्गढ़ , पिछड़ गए पहले क्या तरक्की कर रहे थे । वहां भ्रष्टाचार व माओवाद पहले से था ।
पंजाब , हरियाणा , उत्तराखंड की बात क्यूँ नहीं करते । एक दूकान का मालिक यदि १० दुकाने खोल ले तो सब की देखभाल नहीं कर पायेगा , कर्मचारी धीरे धीरे घपला करेगे …………… हर दूकान का मालिक / मैनेजर होगा तभी व्येवस्था सुचारू हो सकेगी । कस्टमर की डिमांड व माल की आपूर्ति तभी हो सकेगी ।
बंटवारा उचित है बस राजनेताओं को डर है कहीं उनकी सल्तनत छोटी हो जाएगी । (कहीं ये नेता आपस में ही बंटवारा न कर लें , पूर्ववांचल , अवध , बुंदेलखंड , हरित प्रदेश क्रमशः बसपा , बीजेपी , कांग्रेस ,सपा पब्लिक सावधान रहे ।
भरोसे के काबिल नहीं है नेता कुछ नहीं मिला तो अन्ना की ३० साल पुरानी थ्यूरी ( समयानुसार ) शराबी को पीटने से संभंधित कहानी को लकीर की तरह पीटना शुरू कर दिया । हंसने वाली बात है ये कार्य बुजुर्ग नेता कर रहे हैं , भगवान् जाने कैसे पूर्व में शासन चलाया होगा ।
वोट सोंच समझ कर दें पर दें अवश्य ।
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