हिन्दुस्तान
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भाई साहब पेट्रोल का चुनाव से क्या सम्बन्ध है, यह तो सरकार (कांग्रेस) ही जानती है । क्या चुनाव के पहले रुपया बढाने से हार जाते । यह तो सीधे जनता के साथ छल है। या तो जनता वाकई में मूर्ख है यह या सरकार मुर्ख बना रही है। उन्हें पता है आगामी चुनाव (विधानसभा) आते आते जनता भूल जाएगी, जितनी कमर तोड़नी है जनता की अगले चुनाव बाद फिर तोड़ देंगे। जनता समझेगी पेट्रोल के दाम बडाये है रोटी-सब्जी के कहाँ जबकि सभी चीजों के दाम आसमान छूने लगेंगे । अभी डीजल , कैरोसीन ,गैस के दाम बढने बांकी हैं । जहाँ चुनाव हुए हैं वहां के लोग कितने खुश होंगे, उपहार जो मिला उन्हें……………
प्रश्न- क्या जनता को ऐसी सरकार चुननी चाहिए जो जनता के प्रति मन में दुश्मनी रखती हो ?
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